भारत-पाकिस्तान ने आपस में शेयर की परमाणु प्रतिष्ठान और कैदियों की सूची, जानें क्या है कारण

India-Pakistan Share Details: भारत और पाकिस्तान ने आपस में उन परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों को एक्सचेंज किया है जिन पर युद्ध या शत्रुता की स्थिति में हमला नहीं किया जाएगा, द्विपक्षीय संबंधों के सर्वकालिक निम्न स्तर पर होने के बावजूद 1992 से चली आ रही परंपरा को बनाए रखा है. दोनों ही पक्षों ने अपनी जेलों में बंद कैदियों की जानकारियों का भी लेन-देन किया है और इसके साथ ही भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की हिरासत से असैन्य कैदियों, लापता रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नावों के साथ शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन की मांग की है.हर साल शेयर की जाती है जानकारी भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के बीच हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को अपने वहां जेल में बंद कैदियों की जानकारी शेयर की जाती है. बता दें साल 2008 में दोनों ही देशों के बीच कॉन्सुलर एक्सेस समझौता हुआ था और इसी के तहत तब से लेकर अभी तक यह जानकारियां शेयर की जाती है.भारत ने पाकिस्तान से किया आह्वानभारत ने पाकिस्तान से उन 631 भारतीय मछुआरों और दो असैन्य कैदियों को रिहा करने तथा स्वदेश भेजने का आह्वान किया, जो अपनी जेल की सजा पूरी कर चुके हैं और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो चुकी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, इस्लामाबाद से उन 30 मछुआरों और 22 असैन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान कराने का आग्रह किया गया है, जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं.साल 2008 में हुआ समझौताभारत ने साल 2008 में हुए एक समझौते के तहत दोनों देशों द्वारा प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में एक जनवरी और एक जुलाई की तिथि को एक-दूसरे से मछुआरों और असैन्य कैदियों की सूची साझा करने के अभ्यास के हिस्से के रूप में यह अनुरोध किया है.विदेश मंत्रालय ने कही ये बात विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान से ‘‘उन सभी भारतीयों और भारतीय माने जाने वाले असैन्य कैदियों व मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है, जिनकी रिहाई और भारती वापसी लंबित है.’’मंत्रालय ने कही ये बात मंत्रालय ने बताया कि भारत ने वर्तमान में अपनी हिरासत में मौजूद उन 339 पाकिस्तानी असैन्य कैदियों और 95 मछुआरों की सूची साझा की है. इसी तरह, पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में मौजूद 51 असैन्य कैदियों और 654 मछुआरों की सूची साझा की है, जो भारतीय हैं या भारतीय माने जाते हैं.विदेश मंत्रालय ने कही ये बातविदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत और पाकिस्तान ने रविवार को नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यमों से अपनी हिरासत में मौजूद असैन्य कैदियों और मछुआरों की सूची का आदान-प्रदान किया” बयान के मुताबिक, सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत में मौजूद असैन्य कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नावों सहित जल्द रिहा करने और वापस भेजने का आह्वान किया है.विदेश मंत्रालय ने कहा- इस संदर्भ में, पाकिस्तान से भारत के उन 631 मछुआरों और दो असैन्य कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया था, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की जा चुकी है और जिसके बारे में पाकिस्तान को बताया जा चुका है.मंत्रालय ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ एक-दूसरे के देश में मौजूद कैदियों और मछुआरों से संबंधित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है.विदेश मंत्रालय ने कहा- इस संदर्भ में, भारत ने पाकिस्तान से मछुआरों सहित उन 71 पाकिस्तानी कैदियों की राष्ट्रीयता की स्थिति की पुष्टि करने के लिए आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाने का आग्रह किया है, जिनकी स्वदेश वापसी पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि न हो पाने के कारण लंबित है. (भाषा इनपुट के साथ)

भारत-पाकिस्तान ने आपस में शेयर की परमाणु प्रतिष्ठान और कैदियों की सूची, जानें क्या है कारण
भारत-पाकिस्तान ने आपस में शेयर की परमाणु प्रतिष्ठान और कैदियों की सूची, जानें क्या है कारण

India-Pakistan Share Details: भारत और पाकिस्तान ने आपस में उन परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों को एक्सचेंज किया है जिन पर युद्ध या शत्रुता की स्थिति में हमला नहीं किया जाएगा, द्विपक्षीय संबंधों के सर्वकालिक निम्न स्तर पर होने के बावजूद 1992 से चली आ रही परंपरा को बनाए रखा है. दोनों ही पक्षों ने अपनी जेलों में बंद कैदियों की जानकारियों का भी लेन-देन किया है और इसके साथ ही भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की हिरासत से असैन्य कैदियों, लापता रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नावों के साथ शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन की मांग की है.

हर साल शेयर की जाती है जानकारी

भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के बीच हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को अपने वहां जेल में बंद कैदियों की जानकारी शेयर की जाती है. बता दें साल 2008 में दोनों ही देशों के बीच कॉन्सुलर एक्सेस समझौता हुआ था और इसी के तहत तब से लेकर अभी तक यह जानकारियां शेयर की जाती है.

भारत ने पाकिस्तान से किया आह्वान

भारत ने पाकिस्तान से उन 631 भारतीय मछुआरों और दो असैन्य कैदियों को रिहा करने तथा स्वदेश भेजने का आह्वान किया, जो अपनी जेल की सजा पूरी कर चुके हैं और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो चुकी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, इस्लामाबाद से उन 30 मछुआरों और 22 असैन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान कराने का आग्रह किया गया है, जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं.

साल 2008 में हुआ समझौता

भारत ने साल 2008 में हुए एक समझौते के तहत दोनों देशों द्वारा प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में एक जनवरी और एक जुलाई की तिथि को एक-दूसरे से मछुआरों और असैन्य कैदियों की सूची साझा करने के अभ्यास के हिस्से के रूप में यह अनुरोध किया है.

विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान से ‘‘उन सभी भारतीयों और भारतीय माने जाने वाले असैन्य कैदियों व मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है, जिनकी रिहाई और भारती वापसी लंबित है.’’

मंत्रालय ने कही ये बात

मंत्रालय ने बताया कि भारत ने वर्तमान में अपनी हिरासत में मौजूद उन 339 पाकिस्तानी असैन्य कैदियों और 95 मछुआरों की सूची साझा की है. इसी तरह, पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में मौजूद 51 असैन्य कैदियों और 654 मछुआरों की सूची साझा की है, जो भारतीय हैं या भारतीय माने जाते हैं.

विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत और पाकिस्तान ने रविवार को नयी दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यमों से अपनी हिरासत में मौजूद असैन्य कैदियों और मछुआरों की सूची का आदान-प्रदान किया” बयान के मुताबिक, सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत में मौजूद असैन्य कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नावों सहित जल्द रिहा करने और वापस भेजने का आह्वान किया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा- इस संदर्भ में, पाकिस्तान से भारत के उन 631 मछुआरों और दो असैन्य कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया था, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की जा चुकी है और जिसके बारे में पाकिस्तान को बताया जा चुका है.

मंत्रालय ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ एक-दूसरे के देश में मौजूद कैदियों और मछुआरों से संबंधित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

विदेश मंत्रालय ने कहा- इस संदर्भ में, भारत ने पाकिस्तान से मछुआरों सहित उन 71 पाकिस्तानी कैदियों की राष्ट्रीयता की स्थिति की पुष्टि करने के लिए आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाने का आग्रह किया है, जिनकी स्वदेश वापसी पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि न हो पाने के कारण लंबित है. (भाषा इनपुट के साथ)