देश के अंतिम गाँव माणा में मोदी की जनसभा, विपक्षी पार्टियों पर कसा तंज़
पीएम मोदी ने देश के अंतिम गाँव माणा में जनसभा को सम्बोधित करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत ही जय बदरी विशाल और बाबा केदार के जयकारे के साथ की। उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश को गुलामी की जंजीरों ने ऐसा जकड़ रखा है कि कुछ लोगों द्वारा देश के विकास के कार्यों पर सवाल उठाए जाते हैं।
पीएम मोदी ने देश के अंतिम गाँव माणा में जनसभा को सम्बोधित करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत ही जय बदरी विशाल और बाबा केदार के जयकारे के साथ की। उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश को गुलामी की जंजीरों ने ऐसा जकड़ रखा है कि कुछ लोगों द्वारा देश के विकास के कार्यों पर सवाल उठाए जाते हैं। पहले हमारे देश में अपनी ही संस्कृति को लेकर हीन भावना थी। लेकिन अब केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, काशी उज्जैन अयोध्या जैसे श्रद्धा के केंद्र अपनी भव्यता को दर्शा रहे हैं। प्रधानमंत्री का कहना है की देश में अब गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि पहले की सरकारों ने सीमांत के लोगों के सामर्थ्य को उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल किया है। लेकिन आज के तारिख में सीमांत के लोग संतोष में हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है। सीमा पर बसे लोग देश के सशक्त प्रहरी हैं। पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पीएम बन गया इसलिए इस गांव को याद कर रहा हूं ऐसा नहीं है।आज से 25 साल पहले भी माणा में मैंने उत्तराखंड भाजपा की कार्य समिती की बैठक बुलाई थी। तब कुछ कार्यकर्ता मुझसे नाराज भी हुए थे कि इतनी दूर क्यों बैठक बुलाई। तब मैंने कहा था जिस दिन उत्तराखंड भाजपा के दिल में माणा गांव के लिए जगह बन जाएगी, उस दिन वहां के लोगों के दिलों में भाजपा की जगह बन जाएगी।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गांव माणा में कनेक्टिविटी परियोजनाओं का शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने माणा गांव में सड़क और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने आगमन प्लाजा और झीलों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा माणा गांव में आर्मी कैंपस के पास आयोजित की गई। जनसभा में 1500 से 2000 लोग जुटे। जिसमे मुख्य रूप से देश के अंतिम गांव माणा के भोटिया जनजाति के ग्रामीण और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।प्रधानमंत्री का रात्रि प्रवास बद्रीनाथ होगा।